Thursday, 23 March 2017

शहीद दिवस (Shaheed Diwas)

बड़ी नसीबों वाली है ये भारत धरा और इस धरा के लोग जिनको शहीद सरदार #भगत_सिंह, शहीद #सुखदेव और शहीद #राजगुरु जैसे वीर सपूत प्राप्त हुए। जिन्होने अपना सर्वस्व अपनी भारत माँ को न्योछावर कर दिया और उफ तक नहीं की... 
शब्द कम पड़ जाते हैं शहीदों की वीर गाथा कहने मे... 
भारत माता के वीरों आपको करबद्ध तथा अश्रुपूर्ण नमन तथा कोटी कोटी वंदन है। हम ऋणी हैं आपके और ये देश आपका कर्ज़ कभी नहीं उतार सकता।
॥जय हिन्द॥ ॥जय भारत॥ ॥जय शहीद॥
#23_मार्च #23March #शहीददिवस #MartyrsDay #ShaheedDiwas

Wednesday, 8 March 2017

08मार्च 'अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस' 'International Women's Day'

"यत्र नार्यस्तु पूजयंते रमन्ते तत्र देवता" 
जहाँ पर नारी का सम्मान होता है वहाँ देवता निवास करते हैं। 
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Friday, 3 March 2017

गाय के दूध के अनेकों लाभ (Benefits of Cow Milk) Balprada बलप्रदा

►दूध पीने का समय – साधारणतया दूध सोने से तीन घण्टे पहले पीना चाहिए। दूध पीकर तुरन्त नहीं सोना चाहिए। रात्रि को ज्यादा गर्म दूध पीने से स्वप्नदोष होने की सम्भावना रहती है।
Balprada Jansewa Ashram TRUST
►दूध कैसा पियें? – ताजा धारोष्ण दूध पीना अच्छा है। यदि यह सम्भव नहीं हो तो दूध गर्म करके पियें। गर्म इतना ही करें जितना गर्म पिया जा सके। दूध को अधिक उबालने से जीवनोपयोगी अंश नष्ट हो जाते हैं। दूध को बहुत उलट-पुलट कर झाग पैदा करके धीरे-धीरे पियें। दूध के झाग बहुत लाभदायक होते हैं। जितने ज्यादा झाग दूध में होंगे, वह दूध उतना ही लाभदायक होगा। दूध का सेवन करते समय किसी प्रकार का खट्टा पदार्थ न लें।
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►दूध में मिठास – चीनी मिला दूध कफकारक होता है। प्राय: दूध में चीनी मिलाकर मीठा करके पीते हैं। चीनी मिलाने से दूध में जो कैल्शियम होता है, नष्ट हो जाता है। अत: चीनी मिलाना उचित नहीं है। दूध में प्राकृतिक मिठास होती है। फीके दूध का अभ्यास करने से थोड़े दिन में ही उसकी प्राकृतिक मिठास का भान होने लगता है और बाह्य मिठास की आवश्यकता नहीं होती। जहाँ तक हो इसमें चीनी न मिलायें। यदि मिठास की आवश्यकता हो तो शहद, मुनक्का को भिगोकर इसका पानी, गन्ने का रस, ग्लूकोज मिलायें। बूरा या मिश्री मिला हुआ दूध वीर्यवर्धक, त्रिदोष नाशक होता है।
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►दूध का शीघ्र पाचन – किसी-किसी को दूध नहीं पचता, अच्छा नहीं लगता। इसके लिए दूध में एक पीपल डालकर, उबालकर पियें। इससे वायु नहीं बनती। दूध में शहद मिलाकर पीने से गैस नहीं बनती। दूध बादी करता हो, गैस बनाता हो तो अदरक के टुकड़े या सोंठ का चूर्ण और किशमिश मिलाकर सेवन करें।
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►स्तनपान – डिब्बाबंद दूध से बच्चों का मस्तिष्क प्रदूषित होता है तथा बच्चा आजीवन किसी-न-किसी बीमारी से ग्रस्त रहने लगता है। माँ का दूध अधिक पीने वाले बच्चों के मुकाबले उनके भीतर शांति व न्याय की भावना कम होती है। दूसरी ओर स्तनपान कराने वाली माताएँ प्राय: स्तन कैंसर से बची रहती हैं तथा उनका सैक्स भी लाजवाब बना रहता है। स्तनपान कराने वाली महिलाएँ, स्तनपान न कराने वाली महिलाओं की अपेक्षा अधिक खूबसूरत बनी रहती हैं।
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►मोटापा – एक गिलास दूध में 15 मुनक्का बीज निकालकर डाल दें। फिर उबालकर पीने जैसा ठण्डा होने पर एक चम्मच देशी घी और तीन चम्मच शहद डालकर पियें। इससे शरीर का वजन बढ़ेगा।
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►हृदयाघात – पिछले 28 साल में चार लाख वयस्कों पर किये अध्ययन में पाया कि जो लोग अधिक दूध पीते थे उन्हें हृदय संबंधी अटैक और स्ट्रॉक की संभावना 17 प्रतिशत तक कम हो गई।
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►बुढ़ापा – बाल सफेद होना और दाँत गिरने लगना, घुटनों में शक्ति कम होना, त्वचा में झुर्रियाँ पड़ना, आँखों में ज्योति कम होना, कानों से कम सुनाई देना बुढ़ापे के चिह्न हैं। दूध पीते रहने से आयु बढ़ती है। बुढ़ापा अपना प्रभाव नहीं जमा पाता। जो अनाज हम खाते हैं, उसका तीस प्रतिशत प्रोटीन ही पचकर शरीर के काम आता है लेकिन यदि भोजन के साथ दूध लिया जाये तो इससे दुगुनी मात्रा में प्रोटीन शरीर में पचकर शक्ति देता है।
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►खुजली – दूध में पानी मिलाकर रुई के फोहे से शरीर पर मलें। थोड़ी देर बाद स्नान कर लें। खुजली मिट जायेगी।
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►चक्कर आना (Vertigo) – 250 ग्राम दूध में सात मुनक्का उबालकर रात को नित्य पीने से चक्कर आना ठीक हो जाते हैं।
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►होंठों का सौंदर्य – एक चम्मच कच्चे दूध में जरा-सी केसर पीसकर होंठों पर मालिश करने से होंठों का कालापन दूर हो जाता है और कान्ति बढ़ती है।
चेहरे का सौंदर्य – चेहरे पर झाँई, कील, मुँहासे, दाग-धब्बे दूर करने के लिए पहले गर्म दूध चेहरे पर मलें, चेहरा धोयें। आधा घण्टे बाद साफ पानी से चेहरा धोयें। इससे चेहरे का सौंदर्य बढ़ेगा। चेहरे के धब्बों पर धारोष्ण दूध के झाग मलने से धब्बे मिट जाते हैं। सोते समय चेहरे पर दूध की मलाई लगाने से भी कील, झाँइयाँ मिट जाती हैं।
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►सौंदर्यवर्धक – बतासे पीसकर रख लें। आधा चम्मच इस पाउडर में जरा-सा दूध मिलाकर गूंध लें। गाढ़ा-गाढ़ा चेहरे पर लगायें। इससे चेहरे के दाग, धब्बे, चकत्ते, चेचक और मुँहासों के निशान मिट जाते हैं।
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►मुख सौंदर्य – सूखी त्वचा पर दूध की मलाई मलें। जहाँ झुर्रियाँ पड़ गई हों वहाँ गर्म दूध की मालिश करें। सारे शरीर की दूध से मालिश करना भी लाभदायक है। दूध में नीबू निचोड़कर, फाड़कर, जमे हुए दूध के टुकड़ों से मालिश करने से रूप, रंग निखर जाता है। चेहरे के दाग-धब्बे मिटाने के लिए दूध से 10 मिनट तक चेहरे की मालिश करें। मुँहासों के दाग होने पर कच्चा दूध और पानी समान मात्रा में मिलाकर लस्सी बनाकर पीने से लाभ होता है।
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►मुँहासे – चार चम्मच बेसन दूध में गूँधकर एक नीबू निचोड़कर चेहरे पर नित्य एक महीने मलें। चेहरा साफ हो जायेगा।
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►बाल काले करना – दो किलो दूध उबालकर उसमें सौ ग्राम नील मिलाकर दही जमायें। उसे बिलोकर घी निकालकर लोहे के इमामदस्ते में लोहे की मूसली से इतना रगड़े कि सारा घी काला हो जाये। इस घी को बालों पर लगाने से बाल काले हो जाते हैं।
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►जलना – जलने पर घी लगायें तथा एक गिलास दूध में एक चम्मच घी डालकर रोजाना पियें।
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►अाँखों के रोग – अाँखों में चोट लगी हो, जल गई हो, मिर्च-मसाला गिरा हो, कोई कीड़ा गिर गया हो या डंक मारा हो, आँख लाल हो, दुखती हो, कीचड़ आती हो, प्रकाश सहन न होता हो तो रुई का फोहा दूध में भिगोकर अाँखों पर रखने से लाभ होता है। रात भर फोहा बँधा रखें तो ज्यादा लाभदायक है। दो बूंद दूध की आँख में भी डालें।
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►नेत्रों में जलन – (1) रात को सोते समय अाँखों की पलकों पर दूध की मलाई रखकर सोयें। जलन मिट जायेगी। (2) एक गिलास ठण्डे पानी में चौथाई कप दूध डालकर अाँखों पर छोटे मारें। जलन दूर हो जायेगी। गर्मी से अाँखों में सूजन हो तो वह भी ठीक हो जायेगी।
नेत्रों में सूजन – यकृत खराब होने पर नेत्रों में सूजन आ जाती है। आधा गिलास दूध में एक गिलास पानी, चौथाई चम्मच पिसी हुई सोंठ डालकर इतना उबालें कि पानी जल जाये और दूध रह जाये। इसमें स्वादानुसार शहद मिलाकर घूंट-घूंट पियें।
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►अाँख में अवांछित वस्तु गिरना – अाँख में तिनका या अन्य कोई चीज गिर जाए और निकलती न हो तो आँख में दूध की तीन बूंदें डालें। दूध की चिकनाहट से वह अाँख से निकल जायेगी। श्वास में घरघराहट होने पर एक कप दूध, दो कप पानी, एक चम्मच पिसी हुई सोंठ, बीस पिसी हुई कालीमिर्च डालकर उबालें। उबालते-उबालते आधा भाग रहने पर ठण्डा होने दें। हल्का-सा गर्म रहने पर इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर नित्य सुबह-शाम पियें। श्वास को घरघराहट दूर हो जायेगी।
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►श्वास नली के रोग, शक्तिवर्धक – एक गिलास पानी + एक गिलास दूध में 5 पीपल डालकर इतना गर्म करें कि केवल दूध ही बचे, पानी जल जाये फिर शक्कर डालकर नित्य सुबह-शाम पियें। इससे जीर्ण ज्वर, जुकाम, खाँसी, दमा, फेफड़े की कमजोरी, आरम्भिक टी. बी. वीर्य की कमी एवं कमजोरी दूर होती है। यह कुछ महीने करें।
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►मूत्राशय (Bladder) के रोग – दूध में गुड़ मिलाकर पीने से लाभ होता है। मूत्र में रुकावट होने पर गर्म दूध में गुड़ डालकर पियें।
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►अपच – गरिष्ठ भोजन, जैसे-मिठाइयाँ, जीमन, पूरी आदि खाने से पेट खराब हो जाता है। अपच हो जाती है। एक गिलास दूध, आधा गिलास पानी, स्वादानुसार चीनी मिलाकर सबको उबालें। अच्छी तरह उबलने के बाद गर्म-गर्म धीरे-धीरे पियें। चार घण्टे बाद एक बार पुन: इसी प्रकार दूध बनाकर पियें। खाना नहीं खायें। प्यास लगने पर गर्म पानी पियें। गरिष्ठ भोजन से उत्पन्न सारी अपच ठीक हो जायेगी।
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►बवासीर, कब्ज़ – गर्म दूध के साथ ईसबगोल की भूसी या गुलाब का गुलकन्द लेने से शौच खुलकर आता है। बवासीर वालों को भी इसे सेवन करना चाहिए। गाय का ताजा दूध तलुओं पर मलने, रगड़ते रहने से बवासीर में लाभ होता है।
गैस – (1) एक गिलास दूध में चार ग्राम पिसी हुई दालचीनी मिलाकर उबालें। फिर उलट-पुलट कर फेंटकर दो चम्मच शहद मिलाकर पियें। इस प्रकार दूध पीने से गैस नहीं बनती। (2) पोदीना और लहसुन की चटनी (बिना नमक व मसाले की) खाने से गैस बाहर निकलने लगेगी। (3) जवाखार (यवक्षार) और सोंठ
समान मात्रा में पीसकर एक चम्मच, पानी के साथ फंकी लें। यह स्वादिष्ट चूर्ण है।
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►कूकर खाँसी – एक कप दूध, एक कप पानी मिलाकर उबालें। आधी मात्रा में रहने पर इसमें आधा चम्मच घी मिलाकर पिला दें। इस प्रकार तीन बार रोजाना दो सप्ताह तक पिलायें। कूकर खाँसी ठीक हो जायेगी। स्वाद के लिए इलायची आदि कोई भी चीज मिला सकते हैं।
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►वीर्य पुष्टि – प्रात: नाश्ते में केला, दस ग्राम देशी घी के साथ खाकर ऊपर से दूध पियें। दोपहर के बाद दो केले, आधा छटांक खजूर, एक चम्मच देशी घी खाकर ऊपर से दूध पियें।
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►अतिरज – मासिक स्राव में रक्त अत्यधिक जाता हो तो एक गिलास दूध में एक चम्मच पिसा हुआ कतीरा स्वादानुसार पिसी हुई मिश्री मिलाकर नित्य तीन बार पीने से रक्तस्राव बन्द हो जाता है।
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►त्वचा का कालापन – नित्य चेहरे पर दूध मलें। चेहरा सुन्दर दिखेगा, कालापन दूर हो जायेगा। यदि इच्छा हो तो सारे शरीर पर ही दूध मलें, ऐसा करने से रूखापन दूर होकर त्वचा मुलायम हो जायेगी और कालापन हट जायेगा।
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►पेशाब की जलन – गर्मी के प्रभाव, गर्म प्रकृति की चीजें खाने से पेशाब में जलन हो तो कच्चे दूध में पानी मिलाकर, लस्सी बनाकर पीने से लाभ होता है।
पथरी – आधा कप दूध एक गिलास में डालें। इसमें खारा सोडा (सोडे की बोतल जो पीने के काम आती है) मिलाकर रोजाना तीन बार पियें। छोटी-छोटी पथरियाँ निकल जायेंगी।
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►अनिद्रा – (1) रात को सोते समय मावा या खोआ खाने से नींद अच्छी आती है। भैस का दूध निद्रा लाता है। अत: सोते समय भैंस का दूध पियें। (2) रात को दूध में केसर मिलाकर पीने से नींद अच्छी आती है।
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►पित्ती – कच्चे दूध की लस्सी पीने से रक्त की गर्मी निकल जाती है और पित्ती में आराम आ जाता है।
पेशाब रुकना – गाजर का रस और दूध समान मात्रा में मिलाकर पीने से पेशाब खुलकर आता है।
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►रक्तस्रावी बवासीर (Bleeding Piles) – रात को सोते समय गुदा में दूध की मलाई मलें, अच्छी तरह नित्य लगायें। बवासीर से रक्त गिरना बन्द हो जायेगा।
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►हड्डियों का भुरभुरापन (ऑस्टियोपोरोसिस) – आधुनिक जीवन शैली, विटामिन ‘डी’ की कमी तथा कसरत न करने से ऑस्टियोपोरोसिस रोग तेजी से फैल रहा है। धूम्रपान करने, शीतल पेय, जंक फूड आदि के सेवन करने तथा असंतुलित भोजन लेने से भी यह रोग हो जाता है। इस रोग में हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और उनका पता भी नहीं चलता।
उपचार – आप नित्य बीस मिनट धूप सेंकें और प्रतिदिन एक गिलास दूध पियें तो अपनी हड्डियों को मजबूत बना सकते हैं। एक गिलास चिकनाई रहित दूध में 300 मिग्रा. कैल्शियम होता है। अॉस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए नित्य एक हजार मिग्रा. कैल्शियम शरीर को मिलना चाहिए।
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चैत्र नवरात्रि 2022

आप सभी को #बलप्रदा परिवार की ओर से #चैत्र #नवरात्रि की अनेक शुभकामनायें....