Saturday, 29 September 2018

चंदन के अद्भुत लाभ (Amazing Benefits of Sandal Wood)

चंदन प्राचीन काल से ही सुंदरता बढ़ाने के लिए उपयोग किए जाने वाले आयुर्वेदिक साधनों में सबसे ऊपर रहा है किन्तु इसका उपयोग केवल सुंदरता बढ़ाने तक ही सीमित नहीं है क्योंकि चंदन में पाई जाने वाली प्राकृतिक सुगंध और इसके तेल में इतने गुण मौजूद होते हैं कि चंदन का उपयोग त्वचा से लेकर शरीर के अन्य रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। 
चंदन एक सुगंधित प्राकृतिक लकड़ी है जिसका उपयोग आयुर्वेद के उपचार में सदियों से किया जाता आ रहा है चंदन का पाउडर ना केवल चेहरे को कोमल और चमकदार बनाता है बल्कि इसके इस्तेमाल से त्वचा संबंधी बहुत सी समस्याओं का समाधान भी होता है चंदन से निकाला गया तेल में विशेष गुण पाए जाते हैं जो भारतीय आयुर्वेदिक औषधियों में उपयोग किया जाता है। आइये जानते हैं चन्दन के अद्भुत लाभ... 
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• कील-मुहांसे की समस्या -
चेहरे के कील-मुंहासों और दाग-धब्बे को दूर करने में चंदन का उपयोग काफी कारगार उपचार माना जाता है। चेहरे पर चंदन का लेप लगाने से चेहरा साफ होता है। ये कील मुंहासों को दूर कर त्वचा को सुंदर मुलायम और चमकदार बनाता है। चेहरे पर इसका प्रयोग करने के लिये आप 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर, 1 चम्मच चंदन पाउडर मिलाकर इसका पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट को अपने चेहरे पर कम से कम 15-20 मिनट लगाए रखे। फिर पानी से चेहरे को धो लें इसका नियमित रूप से उपयोग करने से चेहरे के कील-मुंहासे कम होते है साथ ही इससे आपका चेहरा भी निखर कर खिल उठता है।
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• खुजली दूर करे -
शरीर के किसी भाग पर खुजली होने पर चंदन पाउडर में हल्दी और 1 चम्मच नींबू का रस मिलाकर लगाने से खुजली तो दूर हो जाएगी साथ में उसका लालपन भी कम होता है। चंदन में कीटाणुनाशक विशेषता होने की वजह से यह हर्बल एंटीसेप्टिक है, इसलिए यह किसी भी प्रकार के छोटे घाव और खरोंच को ठीक करता है। यह जलने से हुए घाव को भी ठीक कर सकता है।
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• घाव भरने में मददगार -
चंदन में एंटीबायोटिक तत्व होते हैं, जो बाहरी धूल मिट्टी से होने वाले बैक्टीरिया से त्वचा को मुक्त करने का काम करते है। इसलिये इसका उपयोग फोडे-फुंसी, घाव आदि में इसका पेस्ट लगाया जाता है। जो घाव को भरने के साथ उसके निशानों को भी दूर करने का काम करता है।
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• कालापन दूर करे -
सौर्दय प्रसाधन में चंदन का उपयोग अब काफी किया जाने लगा है क्योकि चंदन में पाये जाने वाले तत्व हमारी त्वचा के काले दाग धब्बों को दूर कर त्वचा को सुंदर और चमकदार बनाते है। चेहरे की त्वचा पर इसका उपयोग करने के लिये आप 2 चम्मच बादाम का तेल, 5 चम्मच नारियल का तेल और 4 चम्मच चंदन पाउडर इन सभी को मिलाकर इसका पेस्ट तैयार करें और इसे अपनी त्वचा के साथ हाथों में भी लगाये इससे त्वचा का कालापन दूर होगा और त्वचा में एक अद्भुत निखार आयेगा।
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• शरीर की दुर्गंध -
चंदन का प्रयोग शरीर के दुर्गंध को दूर करने के लिए भी किया जाता है। इसकी भीनी खुशबू वाले चंदन में यदि रोज पानी मिला कर शरीर पर लगाया जाये तो इससे पसीना कम निकलता है साथ ही शरीर तरोताजा रहता है और इसके साथ ही खुशबूदार बना रहता है।
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• पाचन क्रिया ठीक रखे -
चंदन हमारे पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने के साथ पाचन क्रिया को भी ठीक करता है। शारीरिक बीमारियों के इलाज के लिये चंदन का किसी भी रूप में किया गया उपयोग काफी गुणकारी होता है। चाहे आप इसको तेल, पाउडर, लकड़ी आदि किसी भी रूप में हो, चंदन शारीरिक प्रक्रिया का संतुलन बनाता है। साथ में श्वसन प्रक्रिया को मजबूत बनाता है।
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• सूजन में आराम दिलाए -
चंदन में एंटीसेप्टिक तत्व मौजूद होने के कारण इसका उपयोग आमतौर पर किसी भी तरह की सूजन को कम करने के लिए करते है। शरीर के कुछ खास हिस्सों जैसे गॉल ब्लैडर और जननांग में सूजन होने पर चंदन का उपयोग काफी अच्छा असर डालता है।
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• बालों को पोषण दें -
चंदन के पाउडर का उपयोग कर आप अपने बालों में एक अच्छी कंडीशनिंग ला सकते है। इसका तेल बालों की जड़ो को मजबूत बनाकर बालो को गिरने से रोकता है और बालो को चमक व पोषण देता है। बालो में इसका नियमित रूप से उपयोग करने से बाल काफी सुंदर और चमकदार बनते है।
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• तनाव दूर करे -
एरोमाथेरेपी के बारे में तो आप जानते ही होगे। इस थेरेपी में यदि चंदन के तेल का उपयोग करते है तो शारीरिक और मानसिक थकान और तनाव से राहत मिलती है। तेल में पाये जाने वाले प्राकृतिक गुण आपके दिमाग में सिरोटोनिन का निर्माण करते हैं जिससे सकारात्मकता बढ़ती है और तनाव दूर होता है।
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• दांत मजबूत बनाए -
चंदन का तेल हमारे दातों के दर्द को दूर करने का सबसे अच्छा उपचार माना जाता है। चंदन के तेल में ऐसे प्राकृतिक गुण पाये जाते है जो दातों के दर्द को दूर करने के साथ मसूड़ों को मजबूत बनाये रखने की क्षमता प्रदान करते है। इसलिए ज्यादातर दंत मंजनों में इसका प्रयोग किया जाता है। इसके द्वारा आप दांत से होने वाली हर समस्याओं का इलाज किया जा सकता है। 
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• कालापन दूर करे -
शरीर के किसी भाग का रंग काला पड़ गया हो तो 2 चम्मच बादाम का तेल, 5 चम्मच नारियल का तेल और 4 चम्मच चंदन पाउडर मिलाकर उस खुले भाग पर लगाएं। इससे कालापन तो जाएगा ही साथ ही स्किन चमकदार बनेगी। 
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Wednesday, 26 September 2018

मशरूम के होते हैं अनेक लाभ (Benefits of Mushroom)

मशरूम के होते हैं अनेक लाभ -
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मशरूम स्वास्थ्यवर्धक एवं औषधीय गुणों से युक्त रोगरोधक सुपाच्य खाद्य पदार्थ है। इसमें एमीनो एसिड, खनिज, लवण, विटामिन जैसे पौष्टिक तत्व होते हैं।
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• सेहत का खजाना 'मशरूम'
वेजिटेरियन हों या फिर नॉन वेजिटेरियन, मशरूम की सब्‍जी हर किसी को पसंद होती है। और भला हो भी क्यों ना, यह स्वास्थ्यवर्धक एवं औषधीय गुणों से युक्त रोगरोधक सुपाच्य खाध पदार्थ जो है। इसमें एमीनो एसिड, खनिज, लवण, विटामिन जैसे पौष्टिक तत्व होते हैं। चीन में तो इसे महौषधि एवं रसायन सदृश्य माना जाता है। वहीं रोम के लोग मशरूम को र्इश्वर का आहार मानते हैं। भारत में उगने वाले मशरूम की दो सर्वाधिक प्रसिद्ध प्रजातियां वाइट बटन मशरूम और ऑयस्टर मशरूम है।
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• प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए मजबूत
मशरूम में मौजूद एंटी ऑक्‍सीडेंट हमें हानिकारक फ्री रेडिकल्‍स से बचाते हैं। मशरूम का सेवन करने से शरीर में एंटीवाइरल और अन्‍य प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है, जो शरीर की कोशिकाओं को रिपेयर करता है। यह एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है जो कि माइक्रोबियल और अन्‍य फंगल संक्रमण को भी ठीक करता है।
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• हृदय रोगों से बचाव
मशरूम में हाइ न्‍यूट्रियंट्स पाये जाते हैं, इसलिये ये दिल के लिये भी अच्‍छे होते हैं। साथ ही मशरूम में कुछ प्रकार के एंजाइम और रेशे पाए जाते हैं जो हमारे कोलेस्‍ट्रॉल लेवल को कम करते हैं।
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• कैंसर के लिए मशरूम
मशरूम का सेवन करने से प्रोस्‍टेट और ब्रेस्‍ट कैंसर से बचाव होता है। क्योंकि इसमें बीटा ग्‍लूकन और कंजुगेट लानोलिक एसिड होता है जो कि एक एंटी कासिजेनिक प्रभाव छोड़ते हैं। कई शोध भी इस बात का समर्थन करती हैं कि मशरूम में मौजूद तत्व कैंसर के प्रभाव को कम करते हैं।
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• मधुमेह
मधुमेह रोगियों के लिए मशरूम उत्तम आहार माना जाता है। मशरूम में शर्करा (0.5 प्रतिशत) और स्टार्च की मात्रा बहुत कम होते हैं। इनमें वो सब कुछ होता है जो किसी मधुमेह रोगी को चाहिये। मशरूम में विटामिन, मिनरल और फाइबर होते हैं। साथ ही इमसें फैट, कार्बोहाइड्रेट और शुगर भी नहीं होती, जो कि मधुमेह रोगी के लिये जानलेवा है। यह शरीर में इनसुलिन के निर्माण में भी मदद करता है।
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• मोटापा से बचाए
मशरूम में लीन प्रोटीन होता है जो कि वजन घटाने में मददगार होता है। मोटापा कम करने वालों को प्रोटीन डाइट लेने की सलाह दी जाती है, जिसके लिए मशरूम खाना बेहतर विकल्पों में से एक माना जाता है।
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• मैटाबॉलिज्‍म करे मजबूत
मशरूम में विटामिन 'बी' होता है जो कि भोजन को ग्‍लूकोज़ में बदल कर ऊर्जा पैदा करता है। विटामिन बी-2 और बी-3 भी मैटाबॉलिज्‍म को दुरुस्त रखते हैं। इसलिए मशरूम खाने से मैटाबॉलिज्‍म बेहतर बना रहता है।
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• पेट के विकार करे दूर
ताजे मशरूम में पर्याप्त मात्रा में रेशे (लगभग 1 प्रतिशत) व कार्बोहाइड्रेट तन्तु होते हैं, इसका सेवन करने से कब्ज, अपचन, अति अम्लीयता सहित पेट के विभिन्न विकारों से बचाव होता है। साथ ही इसके सेवन से शरीर में कोलेस्ट्राल एवं शर्करा का अवशोषण भी कम होता है।
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• हीमोग्लोबिन रखे ठीक
मशरूम का सेवन रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाये रखता है। इसके अलावा इसमें बहुमूल्य फोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में होता है जो केवल मांसाहारी खाध पदार्थो में होता है। अत: लौह तत्व एवं फोलिक एसिड के कारण यह रक्त की कमी की शिकार अधिकांश शाकाहारी ग्रामीण महिलाओं एवं बच्चों के लिये ये सर्वोत्तम आहार है।
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• कुपोषण से बचाए
मशरूम गर्भवस्था, बाल्यावस्था, युवावस्था तथा वृद्धावस्था तक सभी चरणों में उपयोगी माना जाता है। इसमें मौजूद प्रोटीन, विटामिन, खनिज, वसा तथा कार्बोहाइड्रेट बाल्यावस्था से युवावस्था तक कुपोषण से बचाते हैं। इसलिए डॉक्टर भी इसे खाने की सलाह देते हैं।
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Monday, 17 September 2018

खांसी और जुकाम के उपचार के लिए रामबाण है घरेलू उपाय (Home Remedies for cold and cough)


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मौसम में परिवर्तन के साथ ही कई प्रकार के छोटे बड़े रोग व्यक्ति को अपना शिकार बनाते है। इनमें जुकाम और खांसी सबसे सामान्य हैं। इसके उपचार के लिए आप घरेलू उपाय प्रयोग कर सकते हैं, ये आसानी से उपलब्ध होते हैं और इनका कोई भी साइड इफेक्‍ट भी नही होता है...
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• हल्दी
जुकाम और खांसी से बचाव के लिए हल्‍दी बहुत ही अच्‍छा उपाय है। यह बंद नाक और गले की खराश की समस्‍या को भी दूर करता है। जुकाम और खांसी होने पर दो चम्‍मच हल्‍दी पावडर को एक गिलास दूध में मिलकार सेवन करने से फायदा होता है। दूध में मिलाने से पहले दूध को गर्म कर लें। इससे बदं नाक और गले की खराश दूर होगी। सीने में होने वाली जलन से भी यह बचाता है। हती नाक के इलाज के लिए हल्दी को जलाकर इसका धुआं लें, इससे नाक से पानी बहना तेज हो जाएगा व तत्काल आराम मिलेगा
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• गेहूं की भूसी
जुकाम और खांसी के उपचार के लिए आप गेहूं की भूसी का भी प्रयोग कर सकते हैं। 10 ग्राम गेहूं की भूसी, पांच लौंग और कुछ नमक लेकर पानी में मिलाकर इसे उबाल लें और इसका काढ़ा बनाएं। इसका एक कप काढ़ा पीने से आपको तुरंत आराम मिलेगा। हालांकि जुकाम आमतौर पर हल्का-फुल्का ही होता है जिसके लक्षण एक हफ्ते या इससे कम समय के लिए रहते हैं। गेंहू की भूसी का प्रयोग करने से आपको तकलीफ से निजात मिलेगी।
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• तुलसी
समान्‍य कोल्‍ड और खांसी के उपचार के लिए बहत की कारगर घरेलू उपाय है तुलसी, यह ठंक के मौसम में लाभदायक है। तुलसी में काफी उपचारी गुण समाए होते हैं, जो जुकाम और फ्लू आदि से बचाव में कारगर हैं। तुलसी की पत्तियां चबाने से कोल्ड और फ्लू दूर रहता है। खांसी और जुकाम होने पर इसकी पत्तियां (प्रत्येक 5 ग्राम) पीसकर पानी में मिलाएं और काढ़ा तैयार कर लें। इसे पीने से आराम मिलता है।
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• अदरक
सर्दी और जुकाम में अदरक बहुत फायदेमंद होता है। अदरक को महाऔषधि कहा जाता है, इसमें विटामिन, प्रोटीन आदि मोजूद होते हैं। अगर किसी व्यक्ति को कफ वाली खांसी हो तो उसे रात को सोते समय दूध में अदरक उबालकर पिलाएं। अदरक की चाय पीने से जुकाम में फायदा होता है। इसके अलावा अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
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• काली मिर्च पाउडर
जुकाम और खांसी के इलाज के लिए यह बहुत अच्‍छा देसी ईलाज है। दो चुटकी, हल्दी पाउडर दो चुटकी, सौंठ पाउडर दो चुटकी, लौंग का पाउडर एक चुटकी और बड़ी इलायची आधी चुटकी, लेकर इन सबको एक गिलास दूध में डालकर उबाल लें। इस दूध में मिश्री मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है। शुगर वाले मिश्री की जगह स्टीविया तुलसी का पाउडर मिलाकर प्रयोग करें।
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• इलायची
इलायची न केवल बहुत अच्‍छा मसाला है बल्कि यह सर्दी और जुकाम से भी बचाव करता है। जुकाम होने पर इलायची को पीसकर रुमाल पर लगाकर सूंघने से सर्दी-जुकाम और खांसी ठीक हो जाती है। इसके अलावा चाय में इलायची डालकर पीने से आराम मिलता है।
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• हर्बल टी
सर्दी और जुकाम में औषधीय चाय पीना बहुत फायदेमंद होता है। सर्दी के कारण जुकाम, सिरदर्द, बुखार और खांसी होना सामान्‍य है, ऐसे में हर्बल टी पीना आपके लिए फायदेमंद है। इससे ठंड दूर होती है और पसीना निकलता है, और आराम मिलता है। यदि जुकाम खुश्‍क हो जाये, कफ गाढ़ा, पीला ओर बदबूदार हो और सिर में दर्द हो तो इसे दूर करने के लिए हर्बल टी का सेवन कीजिए
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• कपूर
सर्दी से बचाव के लिए कपूर का प्रयोग भी फायदेमंद है। कपूर की एक टिकिया को रुमाल में लपेटकर बार-बार सूंघने से आराम मिलता है और बंद नाक खुल जाती है। इसके आलाव यह कपूर सूंघने से ठंड भी दूर होती है। कपूर की टिकिया का प्रयोग करके आप सर्दी और जुकाम से बचाव कर सकते हैं।
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• नींबू
गुनगुने पानी में नींबू को निचोड़कर पीने से सर्दी और खांसी में आराम मिलता है। एक गिलास उबलते हुए पानी में एक नींबू और शहद मिलाकर रात को सोते समय पीने से जुकाम में लाभ होता है। पका हुआ नींबू लेकर उसका रस निकाल लीजिए, इसमें शुगर डालकर इसे गाढ़ा बना लें, इसमें इलायची का पावडर मिलाकर इसका सेवन करने से आराम‍ मिलता है।
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Wednesday, 3 January 2018

Home Remedy of Toothache (दाँत दर्द के घरेलू उपचार)

► दाँत दर्द में हमें बड़ी कठनाई का सामना करना पड़ता है । कई बार कुछ गलत खाने से तो कई बार दांतों की ठीक से सफाई न करने या कीड़े लगने के कारण दांतों में दर्द होने लगता है. दांतों में दर्द का कारण कोई भी हो, लेकिन इसकी पीड़ा हमारे लिए बेहद कष्टकारी बन जाती है। यहाँ पर हम आपको दाँत दर्द में कुछ बहुत ही आसान से उपचार बता रहे है।
• पिसी हल्दी, नमक व सरसो का तेल मिलाकर पेस्ट सा बना कर उसे डिब्वे में रख ले सुबह इस पेस्ट को ब्रश अथवा उगली के द्वारा दाँतों व मसूड़ों पर लगा लें थोड़ी देर लगा कर रखे फिर बाद में कुल्ला कर लें इस प्रयोग से हिलते हुए दाँत जम जाते हैं दाँतो से पीलापन दुर होकर दाँत विल्कुल सफेद हो जाते हैं। इस प्रयोग करते रहने से कभी भी पायरिया नही होगा।
• नींबू के छिलकों पर थोड़ा-सा सरसों का तेल डालकर दाँत एवं मसूढ़ों पर लगाने से दाँत सफेद एवं चमकदार होते हैं, मसूढ़े मजबूत होते हैं, हर प्रकार के जीवाणुओं तथा पायरिया आदि रोगों से बचाव होता है।
• आम के पत्तों को अच्छी तरह चबाकर उसका रस मुँह में फैलाकर, थोड़ी देर तक रखकर थूक देने से अथवा आम की छाल को पानी में उबालकर उसके कुल्ले करने से हर तरह के दाँत के दर्द में लाभ होता है।
• हींग दांत में दर्द से तुरंत मुक्ति दिलाता है। हींग को मौसमी के रस में डुबोकर दांतों में दर्द की जगह पर रखें, मौसमी न होने पर हींग में नींबू भी मिलाया जा सकता है। इससे शीघ्र ही आपको दर्द से छुटकारा मिल जायेगा।
• तिल के तेल में पीसा हुआ नमक मिलाकर उँगली से दाँतों को रोज घिसने से दाँत की पीड़ा दूर होती है ।
• दांतों के दर्द में लौंग दांतों के सभी बैक्टीरिया को नष्ट कर सकता हैं। ऐसे में लौंग को दांतों के दर्द की जगह पर रखना चाहिए, कुछ ही देर में आपका दर्द जाता रहेगा। लेकिन चूँकि इसमें दर्द कम होने की प्रक्रिया थोड़ी धीमी होती है इसलिए इसमें धैर्य रखना चाहिए ।
• जामुन के वृक्ष की छाल के काढ़े के कुल्ले करने से दाँतों के मसूढ़ों की सूजन मिटती है व हिलते दाँत भी मजबूत होते हैं।
• प्याज दांत दर्द के लिए एक उत्तम घरेलू उपचार है। जो व्यक्ति रोजाना कच्चा प्याज खाते हैं उन्हें दांत दर्द की शिकायत होने की संभावना कम रहती है क्योंकि प्याज में कुछ ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो बैकटीरिया को नष्ट कर देते हैं। अगर आपके दांत में दर्द है तो प्याज के टुकड़े को दांत के पास रखें अथवा प्याज चबाएं। आपको आराम महसूस होने लगेगा।
• प्रायः दाढ़ में कीड़ा लगने पर असहय दर्द उठता है। तब अमरूद के पत्ते के काढ़े से कुल्ला करने से दाँत और दाढ़ की भयानक टीस और दर्द दूर हो जाता है। पतीले में पानी में अमरूद के पत्ते डालकर इतना उबालें कि वह पानी उबाले हुए दूध की तरह गाढ़ा हो जाए।
सेंधा नमक के पानी के कुल्ले करने एवं कत्थे अथवा हल्दी का चूर्ण लगाने से गिरे हुए दाँत का रक्तस्राव जल्दी ही बंद हो जाता है।
• लहसुन में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं जो अनेकों प्रकार के संक्रमण से लड़ने की क्षमता रखते हैं।लहसुन में एलीसिन होता है जो दांत के पास के बैकटीरिया, जर्म्स, जीवाणु इत्यादि को नष्ट कर देता है।इसलिए एक फांक लहसुन को सेंधा नमक के साथ पीसकर यदि आप दांतों में दर्द की जगह पर लगायेंगे तो आपको दर्द में आराम मिलेगा।
• दाँत-दाढ़ दर्द में अदरक का टुकड़ा कुचलकर दर्द वाले दाँत में रखकर मुँह बंद कर लें और धीरे-धीरे रस चूसते रहें। फौरन राहत महसूस होगी।
नीम के पत्तों की राख में कोयले का चूरा तथा कपूर मिलाकर रोज रात को सोने से पहले लगाकर पायरिया में लाभ होता है।
• सरसों के तेल में सेंधा नमक मिलाकर दाँतों पर लगाने से दाँतों से निकलती दुर्गन्ध एवं रक्त बंद होकर दाँत मजबूत होते हैं तथा पायरिया भी जड़ से ख़त्म हो जाता है।
• फिटकरी को तवे या लोहे की कड़ाही में पानी के साथ आग पर रखें। जब पानी जल जाए और फिटकरी फूल जाए तो तवे को आग पर से उतारकर फिटकरी को पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। जितना फिटकरी का पावडर बने उसका 1/4 भाग पिसी हल्दी उसमें मिला कर लकड़ी की सींख की नोक से दाँत के दर्द वाले स्थान पर या सुराख के भीतर यह मिश्रण भर दें।यह बहुत ही लाभकारी प्रयोग है ।
विशेष :- भोजन अथवा अन्य किसी भी पदार्थ को खाने के बाद अच्छी तरह से कुल्ला जरूर करें तथा गर्म वस्तु के तुरंत पश्चात् ठण्डी वस्तु का सेवन न करें
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