Sunday, 12 June 2016

दमा (अस्थमा), (Kidney Failure, Liver Failure Treatment, Kidney Failure Ayurvedic Treatment at Balprada Ashram)

दमा (अस्थमा) का सरल उपचार :-
‪#‎स्वास्थ्य‬ ‪#‎Health‬
- अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने से श्वास , खांसी व जुक़ाम में लाभ होता है ।
- प्याज़ का रस , अदरक का रस , तुलसी के पत्तों का रस व शहद ३-३ ग्राम की मात्रा में लेकर सुबह-शाम सेवन करने से अस्थमा रोग नष्ट होता है ।
- काली मिर्च – २० ग्राम , बादाम की गिरी – १०० ग्राम और खाण्ड – ५० ग्राम लें | तीनों को अलग – अलग बारीक़ पीस कर चूर्ण बना लें , फिर तीनों को अच्छी तरह से मिला लें | इस मिश्रण की एक चम्मच लें और रात को सोते समय गर्म दूध से लें , लाभ होगा ।
विशेष :- जिनको मधुमेह हो वे खाण्ड का प्रयोग न करें तथा जिनको अम्लपित्त [acidity ] हो वे काली मिर्च १० ग्राम की मात्रा में प्रयोग करें।
- आधा कप काफी दिन में ३ बार लेवे जिस से अस्थमा नियंत्रित रहेगा |
-लहसुन दमा के इलाज में काफी कारगर साबित होता है। 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से दमे में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है।
-अदरक की गरम चाय में लहसुन की दो पिसी कलियां मिलाकर पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है। सबेरे और शाम इस चाय का सेवन करने से मरीज को फायदा होता है।
-दमा रोगी पानी में अजवाइन मिलाकर इसे उबालें और पानी से उठती भाप लें, यह घरेलू उपाय काफी फायदेमंद होता है। 4-5 लौंग लें और 125 मिली पानी में 5 मिनट तक उबालें। इस मिश्रण को छानकर इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाएँ और गरम-गरम पी लें। हर रोज दो से तीन बार यह काढ़ा बनाकर पीने से मरीज को निश्चित रूप से लाभ होता है।
-180 मिमी पानी में मुट्ठीभर सहजन की पत्तियां मिलाकर करीब 5 मिनट तक उबालें। मिश्रण को ठंडा होने दें, उसमें चुटकीभर नमक, कालीमिर्च और नीबू रस भी मिलाया जा सकता है। इस सूप का नियमित रूप से इस्तेमाल दमा उपचार में कारगर माना गया है।
-अदरक का एक चम्मच ताजा रस, एक कप मैथी के काढ़े और स्वादानुसार शहद इस मिश्रण में मिलाएं। दमे के मरीजों के लिए यह मिश्रण लाजवाब साबित होता है। मैथी का काढ़ा तैयार करने के लिए एक चम्मच मैथीदाना और एक कप पानी उबालें। हर रोज सबेरे-शाम इस मिश्रण का सेवन करने से निश्चित लाभ मिलता है।
‪#‎आयुर्वेद‬ ‪#‎Ayurved‬ ‪#‎बलप्रदा‬ ‪#‎Balprada‬ ‪#‎Kidney‬ ‪#‎Liver‬ ‪#‎Cancer‬

Sunday, 5 June 2016

पीपल (Kidney Failure, Liver Failure Treatment, Kidney Failure Ayurvedic Treatment at Balprada Ashram)

अत्यंत लाभकारी होता है पीपल-
आयुर्वेदानुसार पीपल कसैला, शीतल, मधुर, भारी, रुक्ष, शरीर का वर्ण निखारने वाला, काफ, पित्त, एवम रक्तदोष नष्ट करने वाला एवम पौष्टिक गुण युक्त है. यह सभी प्रकार कि दुर्बलता, रक्त विकार एवम चर्मरोगों में, दन्त एवम मसूड़ों के दर्द निवारणार्थ, यकृत – प्लीहा की बिमारियों में भी अत्यंत लाभकारी है.
पीपल के लिए अत्यंत प्रभावकारी प्रयोग...
पुरुष रोगों में-
पीपल पर लगने वाला फल छाया में सुखा कर पीस कर मैदा छानने वाली चलनी से छान लें. इसके एक चौथाई चम्मच को 250 ग्राम दूध में मिलाकर पियें. इस के नियमित सेवन से वीर्य बढ़ता है तथा नपुंसकता दूर होती है. बहुमूत्र की समस्या सही होगी एवम कब्ज रोग सही होगा.
पीपल की अन्तर्छाल स्तंभक एवम वीर्यवर्धन का गुण रखती है. इसके लिए इसकी अन्तर्छाल का काढ़ा बना कर पीना चाहिए.
स्त्री रोगों में-
इसके फल को छाया में सुखाकर मैदे की तरह एक पाव दूध के साथ लेने से बंध्या स्त्री सेवन करें तो संतान उत्पन्न होगी. योनी रोग, मासिक धर्म के विकार दूर होंगे, प्रमेह, प्रदर, सफ़ेद पानी.
बांझपन और गर्भ शोधन में-
बांझपन में या गर्भ शोधन के लिए स्त्री को रजोनिवृति के बाद लगातार 5 दिन तक हर रोज़ पीपल के एक ताज़े पत्ते को गाय के दूध में उबालकर पीने से गर्भाशय शुद्ध होता है और गर्भ स्थापना होने पर उत्तम संतान उत्पन्न होती है. जब तक गर्भ स्थापना ना हो यह प्रयोग हर महीने करना चाहिए. इसके लिए हर बार नया ताज़ा पत्ता इस्तेमाल करें.
दांत एवम मसूड़ों के लिए
पीपल एवम बरगद की अन्तर्छाल को बराबर लेकर कर काढ़ा बनाकर कुल्ले करने से दांत एवम मसूड़ों के रोगों में प्रयाप्त लाभ होता है. मसूड़ों की सूजन, खून का आना, मसूड़ों से मवाद का आना इत्यादि रोगों में यह परम लाभकारी है.

'विश्व पर्यावरण दिवस' 'WorldEnvironmentDay‬', (Kidney Failure, Liver Failure Treatment, Kidney Failure Ayurvedic Treatment at Balprada Ashram)

विश्व भर में प्रत्येत वर्ष आज का दिन 'विश्व पर्यावरण दिवस' के रूप में मनाया जाता है जिसके पीछे का कारण है ‘पर्यावरण बचाओ’ पर्यावरण अर्थात 'प्रकृति बचाओ' |
प्रकृति जो समस्त चराचर जगत की माता है, आज उस माता को अपने अस्तित्व को बचने के लिए अपनी सर्वोत्तम कृति अर्थात 'मनुष्य' से लड़ना पड़ रहा है और हम आज ''तथाकथित विकास'' के नाम पर उस माता का दोहन कर रहे है, जिसने अपना सर्वस्व हम पर न्योछावर कर दिया है |
विकास का असल पैमाना क्या है? क्या केवल पत्थरिकरण ही विकास है? क्या कर लेंगे हमऐसे विकास का कभी तो अंत होगा इस तथाकथित विकास की भूख का तब जो असल भूख है दो वख्त की रोटी की उसके लिए तो हमे फिर प्रकृति की गोद में ही जाना होगा, स्वयं विचार कीजिये|
प्रकृति माता को सुरक्षित रखने हेतु हम सभी को अपने आस-पास कुछ पौधे अवश्य लगाने चाहिएए जो हमारे साथ-साथ आपके आस-पास के लोगों को भी लाभ पहुँचाएँ जैसे- नीम, तुलसी, आंवला इत्यादि। आप अपनी रूचि अनुसार कोई भी पेड़ अवश्य लगाएँ । किन्तु हमारा कर्तव्य केवल पौधे लगाकर ही पूरा नहीं हो जाता अपितु उनकी उचित देख-रेख भी होनी चाहिए, तो आइये सभी संकल्प लें कि हम मात्र खाना-पूर्ति हेतु विश्व पर्यावरण दिवस नहीं मनाएँगे अपितु सच्चे मन से पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन हेतु कार्य भी करेंगे। तो आप भी प्रयास कीजिये, बताइए आज से कौन-कौन वृक्षारोपण शुरू कर रहा है ?
‪#‎विश्व_पर्यावरण_दिवस‬ ‪#‎WorldEnvironmentDay‬ ‪#‎5_JUNE‬ ‪#‎बलप्रदा‬ ‪#‎Balprada‬‪#‎SaveMotherNature‬

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चैत्र नवरात्रि 2022

आप सभी को #बलप्रदा परिवार की ओर से #चैत्र #नवरात्रि की अनेक शुभकामनायें....