“जब तक मेरे रक्त का एक बूँद भी मेरे शरीर में बाक़ी है, मैं यह किला अंग्रेजी फौज़ के हाथों में नहीं जाने दूँगी”
#बलप्रदा परिवार की ओर से स्वाधीनता की दीवानी, शौर्य और साहस की सबसे बड़ी प्रतिमूर्ति तथा वीरांगना शब्द की सबसे निकट पर्याय रानी #लक्ष्मीबाई को जन्मदिवस पर कोटिश: प्रणाम!