अखंड - प्रचंड संकल्प के धनी, महान देशभक्त, जलियांवाला नरसंहार का लंदन में जाकर बदला लेने वाले, राष्ट्र के लिए सर्वस्व आहूत करने वाले महान क्रांतिकारी #उधम_सिंह जी की जयंती पर उन्हे कोटी कोटी नमन 🙏
Friday, 31 July 2020
मुंशी प्रेमचंद्र जी के जन्मदिवस पर
खाने और सोने का नाम जीवन नहीं है,
जीवन नाम है सदैव आगे बढ़ते रहने की लगन का ! - मुंशी प्रेमचंद्र
आज हमारे कलम के सिपाही का जन्मदिवस है, हिंदी साहित्य को इन्होंने न सिर्फ नए आयाम दिए अपितु जिस सरलता से सामान्य मानव के जीवन और उनकी संवेदनाओं को हम सभी तक पहुँचाया है इससे सीखकर हम बेहतर मनुष्य बन कर अपना बेहतर चरित्र निर्माण कर सकते हैं!
आप यदि जीवन के सरल पहलुओं व ग्रामीण भारत का एक गहरा चरित्र देखना चाहें तो मुंशी जी के साहित्य का आलिंगन अवश्य करें।
मुंशी प्रेमचंद्र जी के जन्मदिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें! 🙏🙏
Monday, 27 July 2020
डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जी की पुण्यतिथि
#भारत देश को वैश्विक महाशक्ति बनाने वाले, सादगी, सहृदयता, विद्वता के प्रतीक भारत रत्न से सुशोभित डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जी की पुण्यतिथि पर उन्हे सहृदय नमन -- बलप्रदा परिवार
#apjabdulkalam #MissileManofIndia #कलाम #बलप्रदा #BalpradaSaturday, 25 July 2020
महर्षि चरक जयंती
लगभग 300 ई० पूर्व जन्मे, महर्षि चरक की गणना भारतीय औषधि विज्ञान के मूल प्रवर्तकों मे की जाती है।
इनके द्वारा रचित ग्रंथ ‘चरक संहिता’ आयुर्वेद का अद्वितीय ग्रंथ माना जाता है।
इनके द्वारा रचित ग्रंथ ‘चरक संहिता’ आयुर्वेद का अद्वितीय ग्रंथ माना जाता है।
आयुर्वेद के द्रोणाचार्य , महर्षि चरक को उनकी जयंती पर कोटी कोटी वंदन - बलप्रदा परिवार
नाग पंचमी की शुभकामनाएं
महादेव के प्रिय मास श्रावण के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि नागपंचमी के रूप में प्रसिद्ध है। यह पर्व भारतीय संस्कृति के अनोखेपन को उजागर करता है जो हर जीवात्मा में दिव्यता के वास पर विश्वास रखता है।
सभी को नागपंचमी की शुभकामनाएं !
सभी को नागपंचमी की शुभकामनाएं !
Thursday, 23 July 2020
हरियाली तीज की अनेक शुभकामनाएं..! 🙏😊
श्रावण मास में वन-उपवन-मन सब कुछ हरित होता है और इसी बीच आता है हरियाली तीज पर्व। महादेव-माँ पार्वती से ले कर श्री राधा-कृष्ण तक को प्रिय इस पर्व, हरियाली तीज की अनेक शुभकामनाएं..! 🙏😊
Tuesday, 7 July 2020
चिरायता (Swertia)
आपने चिरायता के बारे में अवश्य सुना होगा। घरों के बड़े-बुज़ुर्ग बहुधा कहा करते हैं कि खुजली हो तो चिरायते का सेवन करो, खून से संबंधित विकार को ठीक करने के लिए चिरायते का उपयोग करो। क्या आप जानते हैं कि चिरायते की केवल यही दो खूबियां नहीं हैं बल्कि इसके इस्तेमाल से अनेक लाभ मिलते हैं ?
Balprada Jansewa Ashram TRUST
आयुर्वेद के अनुसार, चिरायता बुखार, कुष्ठ रोग, डायबिटीज, रक्त विकार, सांसों से संबंधित बीमारी, खांसी, अधिक प्यास लगने की समस्या को ठीक करता है। यह शरीर में होने वाली जलन, पाचनतंत्र के विकार, पेट के कीड़े की समस्या, नींद ना आने की परेशानी, कंठ रोग, सूजन, दर्द में काम आता है। इसके अलावा चिरायता घाव, प्रदर (ल्यूकोरिया), रक्तपित्त (नाक-कान आदि से खून बहने की समस्या), खुजली और बवासीर आदि रोगों में भी प्रयोग में लाया जाता है। इसके पौधे कैंसर में भी फायदेमंद होते हैं। आइए जानते हैं कि चिरायता कैसा होता है...
Balprada Jansewa Ashram TRUST
चिरायता का पौधा बाजार में आसानी से मिल जाता है। चिरायता स्वाद में तीखा, ठंडा, कफ विकार को ठीक करने वाला है। कई विद्वान कालमेघ को चिरायता मानते हैं, लेकिन यह दोनों पौधें आपस में भिन्न हैं। असली चिरायता अपनी जाति के अन्य चिरायतों की तुलना में बहुत ही कड़वा होता है। चिरायते की कई प्रजातियां होती हैं, जिनका प्रयोग चिकित्सा में किया जाता है।
Balprada Jansewa Ashram TRUST
यह 60-125 सेमी ऊँचा, सीधा, एक साल तक जीवित रहने वाला होता है। इसके पौधे में अनेक शाखाएं होती हैं। इसके तने नारंगी, श्यामले या जामुनी रंग के होते हैं। इसके पत्ते सीधे, 5-10 सेमी लम्बे, 1.8 सेमी चौड़े होते हैं। नीचे के पत्ते बड़े तथा ऊपर के पत्ते कुछ छोटे व नोंकदार होते हैं।
Balprada Jansewa Ashram TRUST
इसके फूल अनेक होते हैं और ये अत्यधिक छोटे, हरे-पीले रंग के होते हैं। इसके फल 6 मिमी व्यास के, अण्डाकार, नुकीले होते हैं। चिरायता की बीज संख्या में अनेक, चिकने, बहुकोणीय, 0.5 मिमी व्यास के होते हैं। चिरायते के पौधे में फूल और फल आने का समय अगस्त से नवम्बर तक होता है।आइए जानते हैं कि चिरायता किन-किन रोगों में लाभप्रद होता है...
Balprada Jansewa Ashram TRUST
••► चिरायता के सेवन से खांसी का इलाज ▬
चिरायता का पौधा खांसी के इलाज में भी काम आता है। चिरायते का काढ़ा 20-30 मिली की मात्रा में पिएं। इससे खांसी में लाभ होता है। इससे आंत के कीड़े खत्म होते हैं।
Balprada Jansewa Ashram TRUST
••► पेचिश रोग में चिरायता का उपयोग लाभदायक ▬
आप पेचिश रोग में भी चिरायता के फायदे ले सकते हैं। 2-4 ग्राम किराततिक्तादि चूर्ण में दोगुना मधु मिला लें। इसका सेवन करने से पेचिश रोग ठीक होता है।
Balprada Jansewa Ashram TRUST
••► भूख को बढ़ाने के लिए करें चिरायता का सेवन ▬
चिरायता का काढ़ा बनाकर 20-30 मिली मात्रा में पिलाने से भूख बढ़ती है। पाचन-शक्ति बढ़ती है।
Balprada Jansewa Ashram TRUST
••► अत्यधित प्यास लगने की परेशानी में करें चिरायता का सेवन ▬
चिरायता, गुडूची, सुगन्धबाला, धनिया, पटोल आदि औषधियों का काढ़ा बना लें। इसे 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से पिपासा/अत्यधिक प्यास लगने की परेशानी में लाभ होता है।
Balprada Jansewa Ashram TRUST
••► पेट के कीड़े को खत्म करने के लिए करें चिरायता का प्रयोग ▬
चिरायता के गुण पेट के कीड़ों को भी खत्म करते हैं। सुबह भोजन के पहले (5-10 मिली) चिरायता के रस में मधु मिश्रित कर सेवन करने से आंत के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
Balprada Jansewa Ashram TRUST
••► आमाशय से रक्तस्राव की बीमारी में चिरायता के सेवन से लाभ ▬
चिरायता का पौधा रक्तस्राव को रोकने में भी काम आता है। 1-2 ग्राम चंदन के पेस्ट के साथ 5 मिली चिरायता का रस मिला लें। इसका सेवन करने से आमाशय से रक्तस्राव की समस्या ठीक होती है।
Balprada Jansewa Ashram TRUST
कई और बीमारियों में भी चिरायता उपयोगी है, जैसे- पेट दर्द, लिवर विकार, पीलिया व अनीमिया रोग, खूनी बवासीर का इलाज, चर्म रोग, बुखार, सूजन, रक्तपित्त (नाक कान से खून आना), कुबड़ापन की परेशानी आदि। 🙏🏼साभार किन्तु संपादित🙏🏼
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आयुर्वेद के अनुसार, चिरायता बुखार, कुष्ठ रोग, डायबिटीज, रक्त विकार, सांसों से संबंधित बीमारी, खांसी, अधिक प्यास लगने की समस्या को ठीक करता है। यह शरीर में होने वाली जलन, पाचनतंत्र के विकार, पेट के कीड़े की समस्या, नींद ना आने की परेशानी, कंठ रोग, सूजन, दर्द में काम आता है। इसके अलावा चिरायता घाव, प्रदर (ल्यूकोरिया), रक्तपित्त (नाक-कान आदि से खून बहने की समस्या), खुजली और बवासीर आदि रोगों में भी प्रयोग में लाया जाता है। इसके पौधे कैंसर में भी फायदेमंद होते हैं। आइए जानते हैं कि चिरायता कैसा होता है...
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चिरायता का पौधा बाजार में आसानी से मिल जाता है। चिरायता स्वाद में तीखा, ठंडा, कफ विकार को ठीक करने वाला है। कई विद्वान कालमेघ को चिरायता मानते हैं, लेकिन यह दोनों पौधें आपस में भिन्न हैं। असली चिरायता अपनी जाति के अन्य चिरायतों की तुलना में बहुत ही कड़वा होता है। चिरायते की कई प्रजातियां होती हैं, जिनका प्रयोग चिकित्सा में किया जाता है।
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यह 60-125 सेमी ऊँचा, सीधा, एक साल तक जीवित रहने वाला होता है। इसके पौधे में अनेक शाखाएं होती हैं। इसके तने नारंगी, श्यामले या जामुनी रंग के होते हैं। इसके पत्ते सीधे, 5-10 सेमी लम्बे, 1.8 सेमी चौड़े होते हैं। नीचे के पत्ते बड़े तथा ऊपर के पत्ते कुछ छोटे व नोंकदार होते हैं।
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इसके फूल अनेक होते हैं और ये अत्यधिक छोटे, हरे-पीले रंग के होते हैं। इसके फल 6 मिमी व्यास के, अण्डाकार, नुकीले होते हैं। चिरायता की बीज संख्या में अनेक, चिकने, बहुकोणीय, 0.5 मिमी व्यास के होते हैं। चिरायते के पौधे में फूल और फल आने का समय अगस्त से नवम्बर तक होता है।आइए जानते हैं कि चिरायता किन-किन रोगों में लाभप्रद होता है...
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••► चिरायता के सेवन से खांसी का इलाज ▬
चिरायता का पौधा खांसी के इलाज में भी काम आता है। चिरायते का काढ़ा 20-30 मिली की मात्रा में पिएं। इससे खांसी में लाभ होता है। इससे आंत के कीड़े खत्म होते हैं।
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••► पेचिश रोग में चिरायता का उपयोग लाभदायक ▬
आप पेचिश रोग में भी चिरायता के फायदे ले सकते हैं। 2-4 ग्राम किराततिक्तादि चूर्ण में दोगुना मधु मिला लें। इसका सेवन करने से पेचिश रोग ठीक होता है।
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••► भूख को बढ़ाने के लिए करें चिरायता का सेवन ▬
चिरायता का काढ़ा बनाकर 20-30 मिली मात्रा में पिलाने से भूख बढ़ती है। पाचन-शक्ति बढ़ती है।
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••► अत्यधित प्यास लगने की परेशानी में करें चिरायता का सेवन ▬
चिरायता, गुडूची, सुगन्धबाला, धनिया, पटोल आदि औषधियों का काढ़ा बना लें। इसे 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से पिपासा/अत्यधिक प्यास लगने की परेशानी में लाभ होता है।
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••► पेट के कीड़े को खत्म करने के लिए करें चिरायता का प्रयोग ▬
चिरायता के गुण पेट के कीड़ों को भी खत्म करते हैं। सुबह भोजन के पहले (5-10 मिली) चिरायता के रस में मधु मिश्रित कर सेवन करने से आंत के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
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••► आमाशय से रक्तस्राव की बीमारी में चिरायता के सेवन से लाभ ▬
चिरायता का पौधा रक्तस्राव को रोकने में भी काम आता है। 1-2 ग्राम चंदन के पेस्ट के साथ 5 मिली चिरायता का रस मिला लें। इसका सेवन करने से आमाशय से रक्तस्राव की समस्या ठीक होती है।
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कई और बीमारियों में भी चिरायता उपयोगी है, जैसे- पेट दर्द, लिवर विकार, पीलिया व अनीमिया रोग, खूनी बवासीर का इलाज, चर्म रोग, बुखार, सूजन, रक्तपित्त (नाक कान से खून आना), कुबड़ापन की परेशानी आदि। 🙏🏼साभार किन्तु संपादित🙏🏼
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Saturday, 4 July 2020
'स्वामी विवेकानंद' जी की पुण्यतिथि
बलप्रदा परिवार की ओर से विश्व नायक 'स्वामी विवेकानंद' जी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटिश: प्रणाम!🙏💐
Wednesday, 1 July 2020
National Doctors Day
#भारत_रत्न डॉ बिधान चंद्र रॉय जी के जन्मदिवस पर उन्हें प्रणाम। आज ही उनकी पुण्यतिथि भी है। उनकी स्मृति में आज 'National Doctor's Day' उन डॉक्टरों के सम्मान में मनाया जाता है जिनकी महत्ता शायद हम वर्तमान में सर्वाधिक समझ पाए हैं।
बलप्रदा परिवार की ओर से सभी चिकित्सक साथियों को कोटी कोटी धन्यवाद एवं शुभकामनाएँ प्रेषित 💐🙏🙏🙏
बलप्रदा परिवार की ओर से सभी चिकित्सक साथियों को कोटी कोटी धन्यवाद एवं शुभकामनाएँ प्रेषित 💐🙏🙏🙏
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चैत्र नवरात्रि 2022
आप सभी को #बलप्रदा परिवार की ओर से #चैत्र #नवरात्रि की अनेक शुभकामनायें....
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Ayurveda is a holistic medicinal stream that reproduces the anticipation of the diseases and endurance of human life. It’s stated in olden ...