Saturday, 15 October 2016

गूलर के चमत्कारिक फायदे, (Kidney Failure, Liver Failure Treatment, Kidney Failure Ayurvedic Treatment at Balprada Ashram)

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►पेचिश Dysentery : www.balpradagroup.com 
गूलर की कोमल पत्तियों का 10 से 15 मिलीलीटर रस सेवन करें।
►कमजोरी, बल, वीर्य की कमी Weakness : www.balpradagroup.com 
गूलर की छाल का पाउडर + मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें।
इसे रोज़ दस ग्राम की मात्रा में दूध के साथ सेवन करें।
►शुक्राणुओं की कमी Low sperm count : www.balpradagroup.com
गूलर के दूध की 20 बूंदे + छुहारे के साथ खाने से शुक्राणु की संख्या बढ़ती है।
►सफ़ेद पानी/ श्वेत प्रदर Leucorrhoea : www.balpradagroup.com
गूलर के सूखे फल + मिश्री, को शहद के स्थ चाटने से लाभ होता है।
►प्रदर, प्रमेह Urinary disorders : www.balpradagroup.com
गूलर के ताज़े फल का रस + शहद/शक्कर, के साथ सुबह और शाम लेने से प्रदर में लाभ होता है।
►कफ, कफ की अधिकता Excessive cough : www.balpradagroup.com
गूलर के दूध latex को मिश्री + शहद के साथ, दिन में तीन बार खाएं।
►बच्चों का सूखा रोग : www.balpradagroup.com
गूलर का दूध, बताशे में रख कर खाने से लाभ होता है।
►ह्रदयविकार : www.balpradagroup.com
गूलर के पत्ते क रस नियमित पियें।
►लीवर के रोग, वात-विकार : www.balpradagroup.com
गूलर के पत्ते का रस नियमित पियें।
►प्रदर रोग Leucorrhoea, कमजोरी, वीर्यपात Spermatorrhea :
गूलर के पत्ते का रस एक कप की मात्रा मे नियमित पियें।
►जलने पर : www.balpradagroup.com
गूलर की पत्ती का लेप प्रभावित हिस्से पर लगायें।
►रक्त स्राव, चोट Bleeding : www.balpradagroup.com
खून निकलने पर पत्ते का रस प्रभावित हिस्से पर लगाने से खून का निकलना बंद होता है।
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खजूर के स्वास्थय लाभ, (Kidney Failure, Liver Failure Treatment, Kidney Failure Ayurvedic Treatment at Balprada Ashram)

खजूर में फाईबर, विटामिन ए, बी-कॉम्प्लेक्स, विटामिन के, ऑयरन, कॉपर, मैगनीशियम, मैगनीज़ आदि पोषक तत्व पाये जाते हैं।
खजूर से मिलने वाले स्वास्थय लाभ :- 
►कब्ज़ में स्थाई आराम : कब्ज़ का मुख्य कारण होता है आँत में खुश्की होना और खजूर आँतों की खुश्की को पूरी तरह से खत्म करता है । खजूर के द्वारा कब्ज़ को पूरी तरह खत्म करने के लिये रोज सुबह दो-तीन खजूर को एक कटोरी ताजे पानी में डुबोकर रख दीजिये और रात होने तक रखा रहने दीजिये । रात को सोते समय इन खजूरों को खूब चबा चबा कर खा लीजिये । यह प्रयोग 7-15 दिनों तक लगातार कीजिये ।
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►वजन बढ़ानें में लाभकारी : खजूर में सभी पोषक तत्व तो पाये ही जाते हैं इसके अतिरिक्त यह कैलोरी और ग्लुकोज़ का भी बहुत अच्छा स्रोत है जिस कारण से यह दुबले-पतले लोगों में वजन बढ़ाने का काम कर सकता है । वजन बढ़ाने का लाभ उठाने के लिये14 साल से अधिक उम्र के लोग रोज पूरे दिन में 10-12खजूर खूब चबा चबा कर खायें ।
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►ऊर्जा देता है : खजूर में शरीर को तुरंत ऊर्जा देने की प्राकृतिक शक्ति होती है क्योंकि इसमें शुगर अधिक मात्रा में पायी जाती है । यह शुगर ग्लुकोज़ और फ्रक्टोज़ दोनों ही रूप में उप्लब्ध होती है । इस कारण से जब भी शरीर को अधिक ऊर्जा की जरूरत हो तो 2-3 खजूर खाकर ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है।
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►नाड़ीतंत्र को मजबूत करे : शरीर का नाड़ीतंत्र सबसे ज्यादा उलझे हुये तंत्रों में माना जाता है । सम्पूर्ण शरीरेंद्रियों का मस्तिष्क के साथ सम्पर्क मुख्यतः नाड़ीतंत्र के द्वारा ही सम्भव हो पाता है । खजूर नाड़ीतंत्र का परम मित्र सिद्ध होता है । खजूर में उपलब्ध पोटाशियम नाड़ीतंत्र के लिये बहुत जरूरी होता है । साथ ही साथ यह रक्त्चाप को नियमित रखता है और हृदय को भी मजबूत करता है ।
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►खून की कमी दूर करे : खजूर में शरीर के लिये लाभकारी और शरीर द्वारा आसानी से स्वीकार किया जाने वाला ऑयरन तत्व पाया जाता है । अतः खून की कमी से परेशान लोगों के लिये खजूर वास्तव में किसी वरदान से कम नही है । रक्ताल्प्तता के रोगियों के लिये रोज दो बार 2-2खजूर खाना पर्याप्त होता है ।
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मिश्री (डेले वाली) के स्वास्थय लाभ, (Kidney Failure, Liver Failure Treatment, Kidney Failure Ayurvedic Treatment at Balprada Ashram)

मिश्री अपने स्वाद के लिए जितनी जानी जाती है उससे ज्यादा इसके फायदे हैं। जानिए कैसे इसे खाकर सेहत को लाभ होता है।
►गला खराब होने पर मिश्री को पानी में मिलाकर पिएं आराम मिलेगा। खराश होने पर थोड़ी सी मिश्री खाएं, खराश दूर होगी। www.balpradagroup.com 
►मिश्री सेहत को फायदा पहुंचाने के साथ ताजगी भरी ड्रिंक के रुप में भी प्रयोग की जाती है। मिश्री को पानी में मिलाकर पिएं, इससे पाचन सही रहता है और तरावट भी मिलती है।www.balpradagroup.com
►मुंह के छाले होने पर मिश्री को इलायची के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को छाले पर लगाएं। झट दूर होंगे छाले।www.balpradagroup.com
►नकसीर होने पर मिश्री को पानी में मिलाकर सूघंने पर आराम मिलता है।www.balpradagroup.com
►केसर और दूध के साथ मिश्री का सेवन करने से यौन दुर्बलता का अंत होता है।www.balpradagroup.com
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Saturday, 1 October 2016

शक्ति उपासना पर्व नवरात्रि

बलप्रदा परिवार की ओर से समस्त देशवासियों को शक्ति उपासना पर्व नवरात्रि की हार्दिक मंगलकामनायें |
#नवरात्रि #Navratri #बलप्रदा #Balprada

Monday, 26 September 2016

लौंग के लाभ (Benefits of Clove)


मसाले के रूप में प्रयोग होने वाली लौंग औषधीय गुणों का भंडार है। इसमें प्रोटीन, आयरन, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम और हाइड्रोक्लोरिक एसिड भरपूर पाया जाता हैं। इसमें विटामिन 'ए', 'सी', मैगनीशियम और फाइबर भी पाया जाता है।
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दांत दर्द से राहत :
लौंग को प्राकृतिक दर्द निवारक कहा जाता है। इसमें एंटीबैक्‍टीरियल गुण भी पाए जाते हैं। लौंग का तेल दांत दर्द से आराम दिलाने में बहुत ही लाभदायक होता है। लौंग का तेल लगाने से दर्द छूमंतर हो जाता है। दर्द के समय अगर एक लौंग मुंह में रख लें और उसके मुलायम होने के बाद उसे हल्के-हल्के चबाएं तो दांत दर्द ठीक हो जाता है।www.balpradagroup.com
अर्थराइटिस में आराम :
लौंग में फ्लेवोनॉयड्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए यह जोड़ों में होने वाले दर्द व सूजन से आराम दिलाने में बहुत फायदेमंद होता है। कई अरोमा एक्सपर्ट अर्थराइटिस के उपचार के लिए लौंग के तेल की मालिश की सलाह देते हैं। www.balpradagroup.com
श्वाससंबंधी रोगों का इलाज :
लौंग की पांच कलियों को पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इसमें शहद मिलाकर दिन में तीन बार पीने से अस्‍थमा रोगी को काफी लाभ होता है। साथ ही लौंग के तेल का अरोमा भी श्‍वास रोगों से राहत दिलाने में मददगार होता है। इसे सूंघने मात्र से ही जुकाम, कफ, दमा, ब्रोंकाइटिस, साइनसाइटिस आदि समस्याओं में तुरंत राहत मिलती है।www.balpradagroup.com
सिर दर्द से मिलेगी राहत :
सिर दर्द मे लौंग को पीसकर माथे पर लगायें। इससे आपको फौरन फायदा होगा। लौंग का तेल भी दर्द में फायदेमंद होता है। नारियल के तेल में लौंग तेल की कुछ बूंदे मिलाकर सिर पर मालिश करने से दर्द दूर होता है। www.balpradagroup.com
बेहतरीन एंटीसेप्टिक है त्वचा विकारो के लिए :
लौंग में मौजूद एंटीसेप्टिक गुणों के कारण इसका इस्‍तेमाल फंगल संक्रमण, खुजली, कटने, जलने, घाव हो जाने या त्वचा संबंधी अन्य समस्याओं के उपचार में काफी उपयोगी होता है। लेकिन लौंग का तेल इस्‍तेमाल करते हुए हमेशा इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए कि तेल को किसी तेल में मिलाकर ही त्वचा पर लगाना चाहिए। www.balpradagroup.com
पाचन शक्ति मजबूत बनाए :
लौंग के सेवन से पाचन संबंधी समस्‍याओं से निजात मिलती है। इससे पाचन शक्ति बढ़ती है। साथ ही लौंग खाने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं। भोजन में प्रतिदिन दो लौंग का सेवन करने से हाजमा और पाचन तंत्र दुरुस्त रहते हैं। www.balpradagroup.com
जी मिचलाये तो अपनाएं :
उलटी होने पर भुनी लौंग के पाउडर को शहद में मिला कर सेवन करने से तत्काल लाभ होता है। यदि जी मिचला रहा हो तो 2 लौंग पीसकर एक चम्मच शक्कर में थोड़ा-सा पानी मिलाकर उबाल लें व ठंडा कर लें। इसे पीने से जी मिचलाना बंद हो जाता है। साथ ही यह गर्भ ठहरने के दौरान होनी वाली जी मिचलाने की समस्‍या में उपयोगी होता है।www.balpradagroup.com
रक्त शोधक है लौंग :
डायबिटीज से पी‍डि़त लोगों के लिए लौंग लाभकारी होता है। यह ना केवल रक्त को शुद्ध करता है, बल्कि ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में भी मददगार होता है। लौंग का सेवन प्रतिरोधी क्षमता को भी बढ़ाता है।
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Friday, 19 August 2016

नाश्ते में 'पोहा' खाने के लाभ, (Kidney Failure, Liver Failure Treatment, Kidney Failure Ayurvedic Treatment at Balprada Ashram)


सुबह के नाश्ते में 'पोहा' खाने के लाभ :-

पोहा एक स्वादिष्ट व्यंजन है। कूटे हुए चपटे चावल (चिबड़ा) को पोहा कहा जाता है। जिसे आसानी से बनाया जा सकता हैं। पोहा में भरपूर मात्रा में आयरन और कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो कि आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं। साथ ही इसे आसानी से पचाया जा सकता हैं। लेकिन क्या आप ये बात जानते है कि पोहा हमारी सेहत के लिए कितना फायदेमंद हैं? इसका सेवन करने से हमें कई लाभ मिलते है।
यदि आप इसका सेवन सुबह के नाश्ते के समय करेगे तो इसका फायदा कई गुना बढ़ जाता हैं। जानिए इसका सेवन करने के फायदो के बारें में।
► एनीमिया से दिलाएं निजात :
पोहा में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता हैं। जिससे कि शरीर को आयरन और कोशिकाओं को ऑक्सीजन मिलता है। जिसके कारण शरीर में हीमोग्लोबिन और इम्यूनिटी बढती हैं। अगर किसी बच्चे को मां का दूध छुड़वाना है, तो उसे नरम पोहा खिलाना शुरु कर सकते हैं। इससे उसे पोषण भी मिलेगा। www.balpradagroup.com
► भरपूर मात्रा में पोषक तत्व :
पोहा में अधिक मात्रा में सब्जियां इस्तेमाल की जाती है। जिसके कारण इसमें भरपूर मात्रा में खनिज, विटामिन और फाइबर पाया जाता हैं। अगर आप इसमें सोयाबीन, सूखे मेवे आदि मिला देते है, तो इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन भी प्राप्त हो जाती है।

► अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट :
पोहे में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। जिसका सेवन करने से आपके शरीर को ऊर्जा और कई बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलेगी।

► मधुमेह (डायबिटीज) रोगियों के लिए फायदेमंद :
अगर आपके घर में कोई मधुमेह (डायबिटीज) का मरीज है, तो उसे पोहा खाने को दे। इससे कम भूख लगती हैं। साथ ही रक्त-चाप (ब्लड-प्रेशर) भी ठीक रहता हैं।

► अधिक मात्रा में कैलोरी :
पोहा में अधिक मात्रा में कैलोरी पाई जाती हैं। आमतौर पर यह कई तरह से बनता है। जिसमें निम्न प्रकार से कैलोरी होती हैं।
• वेजिटेबल पोहा- 245 किलो कैलोरी
• मूंगफली पोहा- 590 किलो कैलोरी
 — स्वस्थ महसूस कर रहा है.

Sunday, 31 July 2016

मुंशी प्रेमचंद उर्फ़ धनपत राय श्रीवास्तव को आज पुण्यतिथि पर बलप्रदा परिवार की ओर से भावपूर्ण श्रद्धांजलि

कला केवल यथार्थ की नकल का नाम नहीं है |
कला दिखती तो यथार्थ है , पर यथार्थ होती नहीं |
उसकी खूबी यही है की यह यथार्थ मालूम हो |
- मुंशी प्रेमचंद
प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम लेखक हैं। उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी शती के साहित्य का मार्गदर्शन किया।
आधुनिक हिन्दी के पितामह माने जाने वाले हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखक मुंशी प्रेमचंद उर्फ़ धनपत राय श्रीवास्तव को आज पुण्यतिथि पर बलप्रदा परिवार की ओर से भावपूर्ण श्रद्धांजलि...

Sunday, 12 June 2016

दमा (अस्थमा), (Kidney Failure, Liver Failure Treatment, Kidney Failure Ayurvedic Treatment at Balprada Ashram)

दमा (अस्थमा) का सरल उपचार :-
‪#‎स्वास्थ्य‬ ‪#‎Health‬
- अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने से श्वास , खांसी व जुक़ाम में लाभ होता है ।
- प्याज़ का रस , अदरक का रस , तुलसी के पत्तों का रस व शहद ३-३ ग्राम की मात्रा में लेकर सुबह-शाम सेवन करने से अस्थमा रोग नष्ट होता है ।
- काली मिर्च – २० ग्राम , बादाम की गिरी – १०० ग्राम और खाण्ड – ५० ग्राम लें | तीनों को अलग – अलग बारीक़ पीस कर चूर्ण बना लें , फिर तीनों को अच्छी तरह से मिला लें | इस मिश्रण की एक चम्मच लें और रात को सोते समय गर्म दूध से लें , लाभ होगा ।
विशेष :- जिनको मधुमेह हो वे खाण्ड का प्रयोग न करें तथा जिनको अम्लपित्त [acidity ] हो वे काली मिर्च १० ग्राम की मात्रा में प्रयोग करें।
- आधा कप काफी दिन में ३ बार लेवे जिस से अस्थमा नियंत्रित रहेगा |
-लहसुन दमा के इलाज में काफी कारगर साबित होता है। 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से दमे में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है।
-अदरक की गरम चाय में लहसुन की दो पिसी कलियां मिलाकर पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है। सबेरे और शाम इस चाय का सेवन करने से मरीज को फायदा होता है।
-दमा रोगी पानी में अजवाइन मिलाकर इसे उबालें और पानी से उठती भाप लें, यह घरेलू उपाय काफी फायदेमंद होता है। 4-5 लौंग लें और 125 मिली पानी में 5 मिनट तक उबालें। इस मिश्रण को छानकर इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाएँ और गरम-गरम पी लें। हर रोज दो से तीन बार यह काढ़ा बनाकर पीने से मरीज को निश्चित रूप से लाभ होता है।
-180 मिमी पानी में मुट्ठीभर सहजन की पत्तियां मिलाकर करीब 5 मिनट तक उबालें। मिश्रण को ठंडा होने दें, उसमें चुटकीभर नमक, कालीमिर्च और नीबू रस भी मिलाया जा सकता है। इस सूप का नियमित रूप से इस्तेमाल दमा उपचार में कारगर माना गया है।
-अदरक का एक चम्मच ताजा रस, एक कप मैथी के काढ़े और स्वादानुसार शहद इस मिश्रण में मिलाएं। दमे के मरीजों के लिए यह मिश्रण लाजवाब साबित होता है। मैथी का काढ़ा तैयार करने के लिए एक चम्मच मैथीदाना और एक कप पानी उबालें। हर रोज सबेरे-शाम इस मिश्रण का सेवन करने से निश्चित लाभ मिलता है।
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Sunday, 5 June 2016

पीपल (Kidney Failure, Liver Failure Treatment, Kidney Failure Ayurvedic Treatment at Balprada Ashram)

अत्यंत लाभकारी होता है पीपल-
आयुर्वेदानुसार पीपल कसैला, शीतल, मधुर, भारी, रुक्ष, शरीर का वर्ण निखारने वाला, काफ, पित्त, एवम रक्तदोष नष्ट करने वाला एवम पौष्टिक गुण युक्त है. यह सभी प्रकार कि दुर्बलता, रक्त विकार एवम चर्मरोगों में, दन्त एवम मसूड़ों के दर्द निवारणार्थ, यकृत – प्लीहा की बिमारियों में भी अत्यंत लाभकारी है.
पीपल के लिए अत्यंत प्रभावकारी प्रयोग...
पुरुष रोगों में-
पीपल पर लगने वाला फल छाया में सुखा कर पीस कर मैदा छानने वाली चलनी से छान लें. इसके एक चौथाई चम्मच को 250 ग्राम दूध में मिलाकर पियें. इस के नियमित सेवन से वीर्य बढ़ता है तथा नपुंसकता दूर होती है. बहुमूत्र की समस्या सही होगी एवम कब्ज रोग सही होगा.
पीपल की अन्तर्छाल स्तंभक एवम वीर्यवर्धन का गुण रखती है. इसके लिए इसकी अन्तर्छाल का काढ़ा बना कर पीना चाहिए.
स्त्री रोगों में-
इसके फल को छाया में सुखाकर मैदे की तरह एक पाव दूध के साथ लेने से बंध्या स्त्री सेवन करें तो संतान उत्पन्न होगी. योनी रोग, मासिक धर्म के विकार दूर होंगे, प्रमेह, प्रदर, सफ़ेद पानी.
बांझपन और गर्भ शोधन में-
बांझपन में या गर्भ शोधन के लिए स्त्री को रजोनिवृति के बाद लगातार 5 दिन तक हर रोज़ पीपल के एक ताज़े पत्ते को गाय के दूध में उबालकर पीने से गर्भाशय शुद्ध होता है और गर्भ स्थापना होने पर उत्तम संतान उत्पन्न होती है. जब तक गर्भ स्थापना ना हो यह प्रयोग हर महीने करना चाहिए. इसके लिए हर बार नया ताज़ा पत्ता इस्तेमाल करें.
दांत एवम मसूड़ों के लिए
पीपल एवम बरगद की अन्तर्छाल को बराबर लेकर कर काढ़ा बनाकर कुल्ले करने से दांत एवम मसूड़ों के रोगों में प्रयाप्त लाभ होता है. मसूड़ों की सूजन, खून का आना, मसूड़ों से मवाद का आना इत्यादि रोगों में यह परम लाभकारी है.

'विश्व पर्यावरण दिवस' 'WorldEnvironmentDay‬', (Kidney Failure, Liver Failure Treatment, Kidney Failure Ayurvedic Treatment at Balprada Ashram)

विश्व भर में प्रत्येत वर्ष आज का दिन 'विश्व पर्यावरण दिवस' के रूप में मनाया जाता है जिसके पीछे का कारण है ‘पर्यावरण बचाओ’ पर्यावरण अर्थात 'प्रकृति बचाओ' |
प्रकृति जो समस्त चराचर जगत की माता है, आज उस माता को अपने अस्तित्व को बचने के लिए अपनी सर्वोत्तम कृति अर्थात 'मनुष्य' से लड़ना पड़ रहा है और हम आज ''तथाकथित विकास'' के नाम पर उस माता का दोहन कर रहे है, जिसने अपना सर्वस्व हम पर न्योछावर कर दिया है |
विकास का असल पैमाना क्या है? क्या केवल पत्थरिकरण ही विकास है? क्या कर लेंगे हमऐसे विकास का कभी तो अंत होगा इस तथाकथित विकास की भूख का तब जो असल भूख है दो वख्त की रोटी की उसके लिए तो हमे फिर प्रकृति की गोद में ही जाना होगा, स्वयं विचार कीजिये|
प्रकृति माता को सुरक्षित रखने हेतु हम सभी को अपने आस-पास कुछ पौधे अवश्य लगाने चाहिएए जो हमारे साथ-साथ आपके आस-पास के लोगों को भी लाभ पहुँचाएँ जैसे- नीम, तुलसी, आंवला इत्यादि। आप अपनी रूचि अनुसार कोई भी पेड़ अवश्य लगाएँ । किन्तु हमारा कर्तव्य केवल पौधे लगाकर ही पूरा नहीं हो जाता अपितु उनकी उचित देख-रेख भी होनी चाहिए, तो आइये सभी संकल्प लें कि हम मात्र खाना-पूर्ति हेतु विश्व पर्यावरण दिवस नहीं मनाएँगे अपितु सच्चे मन से पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन हेतु कार्य भी करेंगे। तो आप भी प्रयास कीजिये, बताइए आज से कौन-कौन वृक्षारोपण शुरू कर रहा है ?
‪#‎विश्व_पर्यावरण_दिवस‬ ‪#‎WorldEnvironmentDay‬ ‪#‎5_JUNE‬ ‪#‎बलप्रदा‬ ‪#‎Balprada‬‪#‎SaveMotherNature‬

Saturday, 28 May 2016

मूली (Kidney Failure, Liver Failure Treatment, Kidney Failure Ayurvedic Treatment at Balprada Ashram)

मूली 
‪#‎स्वास्थ्य‬ ‪#‎Health‬
● ‪#‎मूली‬ का नियमित सेवन करने वाले व्यक्ति के पास रोग फटकता भी नहीं है। ये पेट संबधित रोगों को दूर करता है और पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है।
● मूली आपकी स्मरण शक्ति बढ़ाती है। इसमें विटामिन ए पाया जाता है जिससे दांतों को मजबूती मिलती है। 
● मूली का सेवन बालों को गिरने से रोकता है। इसमें मजबूत विटामिन बी और विटामिन सी भी नर्वस सिस्टम को भी मजबूत करता है।
● मूली खाने से व्यक्ति को ऊर्जा मिलती है। वो फिट रहता है और रोगों से लड़ने की क्षमता ज्यादा मजबूत हो जाती है।
● जिनको पसीना बहुत आता है वो मूली रोज खायें तो उसके पसीने में बदबू नहीं आयेगी।
● मूली खाने से मधुमेह में लाभ होता है।
● एक कच्ची मूली नित्य प्रातः उठते ही खाते रहने से कुछ दिनों में पीलिया रोग ठीक हो जाता है।
● गर्मी के प्रभाव से खट्टी डकारें आती हो तो एक कप मूली के रस में मिश्री मिलाकर पीने से लाभ होता है।
● मासिक धर्म की कमी के कारण लड़कियों के यदि मुहाँसे निकलते हों तो प्रातः पत्तों सहित एक मूली खानी चाहिए।
● मूली को कच्चे दूध में मिलाने से चेहरे पर रगड़ने से दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं।
● मूली आंखो के लिए भी काफी अच्छी होती है। इसके पत्ते को पिस कर आप अगर अपने चेहरे, हाथो और पैरों पर मलते हैं तो जहां ये शरीर की खुश्की दूर करते हैं वहीं शरीर को कोमल और मुलायम बनाते हैं।
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Friday, 13 May 2016

मधुमेह में करे जामुन का प्रयोग...,

मधुमेह में करें जामुन का प्रयोग...
जामुन मधुमेह के रोगियों के लियें सर्वोत्तम औषधि है. सीधे जामुन खाना लाभदयक तो है ही, किन्तु जामुन की गुठली का चूर्ण ताजे पानी के साथ दिन में २-३ बार लेने पर मधुमेह में बहुत लाभकारी होता है. इसके साथ जामुन के हरे पत्तों की चटनी बनाकर १ ग्लास पानी में प्रतिदिन पीने से भी लाभ मिलता है.
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Thursday, 12 May 2016

Monday, 9 May 2016

खरबूज, Kidney Failure, Liver Failure Treatment, Kidney Failure Ayurvedic Treatment at Balprada Ashram

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Black Cardamom (बड़ी इलायची), Kidney Failure, Liver Failure Treatment, Kidney Failure Ayurvedic Treatment at Balprada Ashram

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चैत्र नवरात्रि 2022

आप सभी को #बलप्रदा परिवार की ओर से #चैत्र #नवरात्रि की अनेक शुभकामनायें....